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araria me ghumne ka jagah । Places to visit in Araria

अररिया में घूमने की जगह Places to visit in Araria

आप भी araria me ghumne ka jagah अररिया में घूमने की सोच रहे हैं या फिर आप घूमने की प्लान बना रहे हैं तो हम आपको araria me ghumne ki jagah वाली जगह travel to araria के बारे में बताएंगे ताकि आप उन जगहों पर घूम पाए जानने के लिए हमारे साथ बने रहिए। 

अररिया में सबसे बड़ा धार्मिक स्थल अररिया का "काली मंदिर"

अगर आप किसी विशेष त्योहार में घूम रहे हैं. या आप घूमना चाहते हैं तो आप अररिया के इस "काली मंदिर" में अवश्य घूमने आए क्योंकि अररिया का यह काली मंदिर सबसे भव्य मंदिर है।

Araria me ghumne ki jagah अररिया का यह सबसे नामी मंदिर है क्योंकि यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु माता काली का दर्शन करने आते हैं और आसपास के लोग प्रति दिन यहां पर माता काली का पूजा करने आते हैं। 

क्योंकि यहां पर अररिया के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है.जिसमें की फारबिसगंज से भी श्रद्धालु घूमने आते हैं. और माता रानी का दर्शन करते हैं.

kali mandir araria कहां पर है। 

अररिया का काली मंदिर कहां पर है अगर आप लोगों को नहीं पता है तो मैं बता दूं कि अररिया का काली मंदिर अररिया कोर्ट के कुछ ही कदम दूरी पर है जोकि माता काली का भव्य मंदिर और यह मंदिर है। 

बिहार का सबसे बड़ा और सबसे भव्य मंदिर माना जाता है। क्योंकि यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालुओं की भीड़ आती है. जैसे फारबिसगंज पूर्णिया कटिहार सहरसा जैसे अन्य जिलों से माता रानी का दर्शन करने आता है और यहां पर प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। 

रानीगंज में घूमने की सबसे खूबसूरत जगह. Raniganj me ghumne ki jagah


अररिया के प्रखंड रानीगंज के बसेटी में सबसे विशाल शिव मंदिर स्थित है. Raniganj me ghumne ki jagah यहां पर शिवरात्रि के समय में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। 

अगर आप भी घूमना पसंद करते हैं तो इस मंदिर में घूमने अवश्य आएं क्योंकि इस मंदिर का खासियत यह है। कि अगर आप इस मंदिर में प्रवेश करेंगे तो आपको एक मंदिर लगेगा वहीं अगर आप इस मंदिर को बाहर से देखते हां तो आपको तीन अलग-अलग मंदिर दिखाई देगा। 

इतना ही नहीं इस मंदिर के बाहर गेट पर इतिहास श्लोक पत्र गेट पर आज भी चिपका है जिसमें मंदिर के पूरे इतिहास के बारे में लिखा हुआ ह। 

रानीगंज "बसैटी शिव" मंदिर

इस मंदिर का निर्माण सन 1797 में महारानी इंद्रावती के द्वारा किया गया था इस मंदिर के लिए महारानी इंद्रावती ने लगभग 205 एकड़ भूमि मंदिर के लिए दान की थी तत्पश्चात बसैटी गांव में एक शिवालय,चंद्रदीप कुआं,और शिवगंगा सरोवर का निर्माण कराई थी.तब यहाँ शिव मंदिर का निर्माण हुआ था

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